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New vaastu tips | सूर्यास्त के समय किसी को माँगने पर भी ना दें ये चीज़ ?

 [1] मुख्य द्वार के पास कभी भी कूड़ादान ना रखें इससे पड़ोसी शत्रु हो जायेंगे | पोस्ट अगर अच्छी लगे तो अपने दोस्तों , परिवार जनों को व्हाट्सएप्प फेसबुक पर जरूर शेयर कीजियेगा [२] सूर्यास्त के समय किसी को भी दूध,दही या प्याज माँगने पर ना दें इससे घर की बरक्कत समाप्त हो जाती है | [३] छत पर कभी भी अनाज या बिस्तर ना धोएं..हाँ सुखा सकते है इससे ससुराल से सम्बन्ध खराब होने लगते हैं | [४] फल खूब खाओ स्वास्थ्य के लिए अच्छे है लेकिन उसके छिलके कूडादान में ना डालें वल्कि बाहर फेंकें इससे मित्रों से लाभ होगा | [५] माह में एक बार किसी भी दिन घर में मिश्री युक्त खीर जरुर बनाकर परिवार सहित एक साथ खाएं अर्थात जब पूरा परिवार घर में इकट्ठा हो उसी समय खीर खाएं तो माँ लक्ष्मी की जल्दी कृपा होती है | [६] माह में एक बार अपने कार्यालय में भी कुछ मिष्ठान जरुर ले जाएँ उसे अपने साथियों के साथ या अपने अधीन नौकरों के साथ मिलकर खाए तो धन लाभ होगा | [७] रात्री में सोने से पहले रसोई में बाल्टी भरकर रखें इससे क़र्ज़ से शीघ्र मुक्ति मिलती है और यदि बाथरूम में बाल्टी भरकर रखेंगे तो जीवन में उन्नति के मार्ग में बाधा नही

किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को वोट देने से पहले यह जरूर पढ़ें | भारत के एक महान व्यक्ति के जीवन की एक सच्ची घटना

   भारत के एक महान व्यक्ति के जीवन की एक सच्ची घटना 94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था। बूढ़े ने मालिक से किराया देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया। पड़ोसियों को भी बूढ़े आदमी पर दया आयी, और उन्होंने मकान मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए कुछ समय देने के लिए मना लिया। मकान मालिक ने अनिच्छा से ही उसे किराया देने के लिए कुछ समय दिया। बूढ़ा अपना सामान अंदर ले गया।  रास्ते से गुजर रहे एक पत्रकार ने रुक कर यह सारा नजारा देखा। उसने सोचा कि यह मामला उसके समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए उपयोगी होगा। उसने एक शीर्षक भी सोच लिया, ”क्रूर मकान मालिक, बूढ़े को पैसे के लिए किराए के घर से बाहर निकाल देता है।” फिर उसने किराएदार बूढ़े की और किराए के घर की कुछ तस्वीरें भी ले लीं।  पत्रकार ने जाकर अपने प्रेस मालिक को इस घटना के बारे में बताया। प्रेस के मालिक ने तस्वीरों को देखा और हैरान रह गए। उन्होंने पत्रकार से पूछ

इंदौर में सब इंजीनियर ने निर्दलीय नामांकन भरा, | सरकारी नौकरी भी छोड़ी | कहा - मां की खातिर कुछ भी करूंगा

  इंदौर के जोन 14 में आने वाले वार्ड 85 में रहने वाले    मप्र शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर 33 साल के महेंद्र मकासरे ने सरकारी नौकरी से इस्तीफा देकर नगर निगम चुनाव में निर्दलीय महापौर पद के लिए नामांकन दर्ज कराया है। मकासरे का नामांकन फॉर्म अप्रूव हो गया है और उन्हें बुधवार यानी आज चुनाव चिन्ह भी आवंटित हो जाएगा। मेरे पिता मजदूरी करते थे और मां कभी घर-घर बर्तन मांजने का काम करती थीं। मां की इच्छा थी कि मैं खूब पढ़ाई करूं और इंजीनियर बनूं। घर में आर्थिक समस्या के चलते मैंने पिता के साथ मजदूरी की, सब्जी बेचने का काम भी किया, क्योंकि मैं अपनी मां के सपने को पूरा करना चाहता था। अब मेरी मां चाहती हैं कि इंदौर शहर का मेयर बनूं और जनता की सेवा करूं। मैं अपनी मां के हर सपने को पूरा करना चाहता हूं और इसीलिए सरकारी नौकरी छोड़कर मेयर पद के लिए चुनावी मैदान में उतरा हूं। मैं हारा तो भी आगे जनता की सेवा ही करूंगा। मां के सपनों को पूरा करने के लिए मैं कुछ भी करने को तैयार हूं। नौकरी में रहते स्कूलों की हालत सुधारी मकासरे ने बताया कि शिक्षा विभाग में सब इंजीनियर की नौकरी शुरू करने के बाद उन्होंने इंदौर

किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी को वोट देने से पहले यह जरूर पढ़ें | भारत के एक महान व्यक्ति के जीवन की एक सच्ची घटना

  भारत के एक महान व्यक्ति के जीवन की एक सच्ची घटना 94 साल के एक बूढ़े व्यक्ति को मकान मालिक ने किराया न दे पाने पर किराए के मकान से निकाल दिया। बूढ़े के पास एक पुराना बिस्तर, कुछ एल्युमीनियम के बर्तन, एक प्लास्टिक की बाल्टी और एक मग आदि के अलावा शायद ही कोई सामान था। बूढ़े ने मालिक से किराया देने के लिए कुछ समय देने का अनुरोध किया। पड़ोसियों को भी बूढ़े आदमी पर दया आयी, और उन्होंने मकान मालिक को किराए का भुगतान करने के लिए कुछ समय देने के लिए मना लिया। मकान मालिक ने अनिच्छा से ही उसे किराया देने के लिए कुछ समय दिया। बूढ़ा अपना सामान अंदर ले गया।  रास्ते से गुजर रहे एक पत्रकार ने रुक कर यह सारा नजारा देखा। उसने सोचा कि यह मामला उसके समाचार पत्र में प्रकाशित करने के लिए उपयोगी होगा। उसने एक शीर्षक भी सोच लिया, ”क्रूर मकान मालिक, बूढ़े को पैसे के लिए किराए के घर से बाहर निकाल देता है।” फिर उसने किराएदार बूढ़े की और किराए के घर की कुछ तस्वीरें भी ले लीं।  पत्रकार ने जाकर अपने प्रेस मालिक को इस घटना के बारे में बताया। प्रेस के मालिक ने तस्वीरों को देखा और हैरान रह गए। उन्होंने पत्रकार से पूछा

कौन हैं द्रौपदी मुर्मू | राष्ट्रपति उम्मीदवार | आदिवासी महिला | द्रौपदी मुर्मू

  NDA से कोन है आदिवासी महिला नेत्री राष्ट्रपति उम्मीदवार कौन हैं द्रौपदी मुर्मू ? द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा में हुआ था. वह दिवंगत बिरंची नारायण टुडू की बेटी हैं. मुर्मू की शादी श्याम चरम मुर्मू से हुई थी. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में मयूरभंज जिले के कुसुमी ब्लॉक के उपरबेड़ा गांव के एक संथाल आदिवासी परिवार से आती हैं. उन्होंने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और तब से उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. द्रौपदी मुर्मू 1997 में ओडिशा के राजरंगपुर जिले में पार्षद चुनी गईं. 1997 में ही मुर्मू बीजेपी की ओडिशा ईकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा की उपाध्यक्ष भी बनी थीं. मुर्मू राजनीति में आने से पहले श्री अरविंदो इंटीग्रल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायरंगपुर में मानद सहायक शिक्षक और सिंचाई विभाग में कनिष्ठ सहायक के रूप में काम कर चुकी थीं. द्रौपदी मुर्मू ने 2002 से 2009 तक और फिर 2013 में मयूरभंज के भाजपा जिलाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया. द्रौपदी मुर्मू ओडिशा में दो बार की बीजेपी विधायक रह चुकी हैं और वह नवीन पटनायक सरकार में कैबिनेट मंत्री भी थीं. उस समय बीजू जनता दल और बीजेपी के

Pope washe inmates’ feet for Holy Week

ROME -- Pope Francis washed the feet of a dozen inmates at a prison near Rome in a Holy Thursday ritual that symbolizes humility and service and highlights his papacy's attention to those on society's margins. pope francis He arrived in a motorcade that included Italian police cars at the prison in Civitavecchia, a port city 50 miles northwest of Rome. The ritual was closed to the public for security reasons and to protect the privacy of the inmates. But afterward, the Vatican said the pope performed the foot-washing, following Jesus' example, "in a sign of love inspired by love" aimed at service and humility. The 12 inmates included men and women of various ages and of different nationalities, it said.